नई दिल्ली। उत्तर भारत में पहली बार ये रोमटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। हम आपको बता दें कि यह मामला दो महिलाओं का है, जिनके गले में बड़ा टयूमर बना हुआ था। जिसमें डॉक्टरों ने बड़ी मसक्कत के बाद ऑपरेशन सफलता पूर्वक किया गया। फोर्टिस अस्पताल में करीब 50वर्षीय महिला के गले में से साथ सेंटीमीटर आकार का "मैलिंगनेट" टयूमर छ: घण्टे की सर्जरी के बाद निकाला गया। वहीं दूसरे मामले में 48 साल की महिला को निगलने में महिला की चार सर्जरी हो चुकी थीं, लेकिन दर्द की शिकायत हुई और सांस लेना भी गले का ट्यूमर पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ था। यहां दो महिलाओं के गले के ट्यूमर की दुर्लभ मुश्किल हो गया। उन्हें आहारनली में कैंसर का और उसने मस्तिष्क में रक्त ले जाने वाली धमनी संजरी सफलतापूर्वक की गई जिसमें से एक चला पता । कीमोथैरेपी तक करा चुकीं मरीज को को ढंकना शुरू कर दिया था। अस्पताल की ऑपरेशन के उत्तर भारत में इस का नहीं हुआ तो तरह पहला जब कोई फायदा छोटी आंत के टीम ने 'बैलून एंजियोप्लास्टी करके टयूमर से मामला होने का दावा किया गया है। एक हिस्से का इस्तेमाल कर कई घंटे की सर्जरी नर्व के दबने की जांच की। सात-आठ सेंटीमीटर शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल करके मरीज को स्वस्थ होने की नई आशा दी। के ट्यूमर को निकालने की सर्जरी करने के लिए में करीब 50 वर्षीय महिला गले में सात के , नेक एंड थोरैक सर्जिकल ओंकोलॉजी' सबसे बड़ा खतरा था कि मरीज की आवाज तो सेंटीमीटर मालगनट छह। आकार का ' ट्यूमर विभाग के निदेशक डॉ. सुरेंद्र डबास के नेतृत्व में आ जाती लेकिन उन्हें पैरालिसिस हो सकता था। घंटे को सर्जरी करके निकाला गया। दूसरे डॉक्टरों की टीम ने इन सर्जरी की। पहले मामले पर अब रोगी पूरी तरह स्वस्थ हैं।